Thursday, September 29, 2011

बाजारमें ना गाओ यारो

लुटी मोहोब्बत के नगमें
बाजारमें ना गाओ यारो
के अंजानेमे कोई
तुम्हे दीवाना बुलाएगा

टूटे दिल के शीशेमें
अक्स ना ढूंहो यारो
के ज़िन्दगी के बिखरनेका
भरम हो जायेगा

फटी किस्मत के लखतर
फलक पे ना टंगे जाए
यहाँ कोई हमदर्द नहीं
जो तुम्हे अपना पुकारेगा

Tuesday, March 8, 2011

दिल का आलम

जब ख़यालसे तेरे दिल मेहेक उठता है
तुम ना होकर भी एक आलमसा बनता है
यूही गुज़रे गर ज़िन्दगी, कोई ग़म नहीं
अब इंतज़ार कुछ ऐसे मीठासा चुभता है !

Saturday, January 1, 2011

नया जस्बा

अकेलापन थोडा कम करने
खुदही थामतेथे अपना हाथ
अनजान थे इस हसीं जस्बे से
मोहोब्बत महसूस हुई आपके साथ