लुटी मोहोब्बत के नगमें
बाजारमें ना गाओ यारो
के अंजानेमे कोई
तुम्हे दीवाना बुलाएगा
टूटे दिल के शीशेमें
अक्स ना ढूंहो यारो
के ज़िन्दगी के बिखरनेका
भरम हो जायेगा
फटी किस्मत के लखतर
फलक पे ना टंगे जाए
यहाँ कोई हमदर्द नहीं
जो तुम्हे अपना पुकारेगा
Thursday, September 29, 2011
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