Sunday, November 23, 2008

जवानी दीवानी

जवानी का जोश है या मेरी बदगुमानी
के रंज से परहेज लगता नहीं अभी
जो ज़िन्दगी ही इतनी प्यारी लगने लगी
कैसे कोई तोहफा उसका मना करे कभी

1 comment:

Anonymous said...

subhanallah!