Thursday, March 19, 2009

आप-लिखी

अनजान तेरी खुदाई से
ढूंडा फलक अपनी ज़िन्दगी का
लिखूं ख़ुद मेरी दास्ताँ
था सबक मेरी ज़िन्दगी का

5 comments:

रचना गौड़ ’भारती’ said...

ब्लोगिंग जगत में स्वागत है
लगातार लिखते रहने के लि‌ए शुभकामना‌एं
सुन्दर रचना
कविता,गज़ल और शेर के लि‌ए मेरे ब्लोग पर स्वागत है ।
http://www.rachanabharti.blogspot.com
कहानी,लघुकथा एंव लेखों के लि‌ए मेरे दूसरे ब्लोग् पर स्वागत है
http://www.swapnil98.blogspot.com
रेखा चित्र एंव आर्ट के लि‌ए देखें
http://chitrasansar.blogspot.com

गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर said...

are wah , narayan narayan

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...

बेहद सुन्दर रचना....बधाई एवं शुभकामनाऎं

रवीन्द्र प्रभात said...

चिट्ठाजगत में आपका स्वागत है .नियमित लिखते रहें इससे संवाद-संपर्क बना रहता है , ढेर सारी शुभकामनाएं !

MAYUR said...

हिन्दी ब्लॉग परिवार में आपका स्वागत है ,अपनी लेखनी से हिन्दी में योगदान दें ।
किसी प्रकार की कोई सहायता जगत के लिए पूरे ब्लॉग जगत से निसंकोच प्रश्न करें ,
वाह जी वाह , मज़ा आ गया
धन्यवाद
अपनी अपनी डगर