Sunday, March 11, 2012

जो ठानी है वोह करके रख

बस एक वजह काफी है करनेको
और एकही वजह मुकरनेको
तू इरादा कर चूका बन्दे
तो वजह किस काम आनेको ?

जो ठानी है वोह करके रख
तूफानों से तू डट के रख
मुश्किल बिना सफ़र तेरा फीका
है वही तेरी बुलंदी बढानेको

वक़्त आये या जाए
कभी किस्मत चक्कर खाए
जब कोई करीब न रहे
तेरा इरादा है साथ निभानेको

ज़िन्दगी आसन भले ना हो
पर धागे जैसी सरल है
ना सोच, ना डर, ना पीछे देख
लगादे जोर आजमानेको 


read loudly, emphasis the bold words, take a small pause after comma. Sounds better that way ;)

4 comments:

Sandeep said...

jabbardast.. awadliye!

Vinit said...

wah wah :)

Paresh said...

Kya baat hai...
You are caught in the wrong job dude!

Chaitanya said...

Nice & inspiring !